एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स अपनी लागत में कटौती के लिए सेल्स प्रमोटर्स की संख्या घटा रही है और कर्मचारियों पर परफॉर्मेंस सुधारने का दबाव बना रही है. कंपनी का ₹15,000 करोड़ का IPO पहले अप्रैल-मई में आना था, लेकिन कम होती बिक्री और आर्थिक हालात के कारण इसे अब अक्टूबर-नवंबर तक टाला गया है.
एलजी इंडिया का IPO आ रहा है, लेकिन कम होती बिक्री और लागत कटौती से मुश्किलें बढ़ी!
गर्मी का मौसम ठंडा रहने और कस्टमर्स की खरीदारी में कमी की वजह से एयर कंडीशनर, फ्रिज और टीवी जैसी चीजों की डिमांड भी घट गई है. इसके अलावा पिछले साल की शानदार बिक्री के कारण अब तुलना करना मुश्किल हो गया है.
मांग कम होने के कारण सभी कंपनियों को नुकसान, लेकिन LG इंडिया पर एक और दबाव
बाजार में मांग कम होने के कारण सभी कंपनियों को नुकसान हो रहा है, लेकिन एलजी इंडिया पर एक और दबाव है. कंपनी को अपनी पब्लिक इश्यू से पहले मजबूत वित्तीय स्थिति दिखानी है ताकि निवेशकों से अच्छा रिस्पॉन्स मिल सके. एलजी इंडिया की एयर कंडीशनर (AC) की बिक्री इस साल जनवरी से जून तक पिछले साल के मुकाबले 15-20% कम हुई है. दूसरे प्रोडक्ट की बिक्री में कोई खास बदलाव नहीं आया है. एसी और फ्रिज की बिक्री ही कंपनी के लिए सबसे अहम होती है और इनकी बिक्री में गिरावट के कारण कुल बिक्री में भी बड़ी कमी आई है. एक अधिकारी ने कहा - 'इससे यह डर है कि कम बिक्री और मुनाफे के कारण IPO के पहले निवेशकों का भरोसा कम हो सकता है.'एलजी के प्रवक्ता ने कहा कि अब तक कंपनी ने सेल्स प्रमोटर्स की संख्या में कोई कटौती नहीं की है. कंपनी अब अपने अच्छे परफॉर्मे करने वाले प्रमोटर्स को बेहतर स्टोर्स में भेजकर उनकी प्रोडक्टिविटी बढ़ाने पर ध्यान दे रही है. इंडस्ट्री के एक्सपर्ट के मुताबिक, कुछ मैनेजमेंट और अधिकारी ने इस्तीफा दिया है. ये बदलाव कंपनी के बेहतर सेल्स परफॉर्मेंस और लागत कम करने के दबाव के चलते हुए हैं. कंपनी ने सेल्स में गिरावट और टीम के इस्तीफों पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
दो अन्य कंपनियों के प्रमुख अधिकारियों ने बताया कि उन्हें एलजी के अधिकारियों के रिज़्युमे मिल रहे हैं. एलजी का भारत के लिए ₹15,000 करोड़ का IPO पहले अप्रैल-मई में आना था, लेकिन शेयर बाजार की उतार-चढ़ाव और आर्थिक स्थिति की अनिश्चितता के कारण इसे टाल दिया गया है.
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